Train Chain Pulling Rules in Hindi – ट्रेन में सफर के बीच में बेवजह जंजीर खींचना किसी को भी महंगा पड़ सकता है। चेन पुलिंग के कारण जुर्माना चुकाने से लेकर जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है। ऐसे में आपको ट्रैन में चेन खींचने के नियम पता होने चाहिए ताकि आप किसी जुर्माने से बच सके
किन परिस्थितियों में आप खींच सकते हैं ट्रेन की चेन-
- अगर कोई सहयात्री (उम्र 60 साल से ज़्यादा) या बच्चा छूट जाए और ट्रेन चल दे
- ट्रेन में आग लग जाए
- बुजुर्ग या दिव्यांग व्यक्ति को ट्रेन में चढ़ने में वक्त लग रहा हो और ट्रेन चल दे
- अचानक बोगी में किसी की तबीयत बिगड़ जाए (दौरा पड़े या हार्ट अटैक हो)
- ट्रेन में झपटमारी, चोरी या डकैती की घटना हो जाए
ऐसे करती है काम: पूर्व में ट्रेन की बोगियों की दीवारों पर हर तरफ जंजीर दी जाती थीं, मगर गलत इस्तेमाल होने के चलते रेलवे ने इनकी संख्या घटा दी। अब इन्हें हर बोगी के केवल बीच में दिया जाता है। अलार्म वाली जंजीरें ट्रेन के मुख्य ब्रेक पाइप से जुड़ी होती हैं। इस पाइप में हवा का दबाव होता है, जिससे ट्रेन रफ्तार में चलती है। मगर चेन पुलिंग के वक्त ये हवा बाहर निकल जाती है। हवा के दबाव में आई कमी के कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी होती है, जिसके बाद लोको पायलट उसे रोकता है।
ट्रेन की चेन पुलिंग के लिए सजा?: इंडियन रेलवे एक्ट, 1989 की धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री या कोई दूसरा व्यक्ति बिना किसी जरूरी वजह के जंजीर का प्रयोग करता है या Railway staff के काम में Interference करता है तो Railway administration, यात्रियों और Railway staff के काम में बाधा डालने के चलते दोषी को एक साल की सजा और 1 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों ही कर सकते हैं. किसी भी हालत में यह सजा इससे कम नहीं होनी चाहिए –
- पहली बार पकड़े जाने पर पांच सौ के जुर्माने से
- दूसरी या उससे ज्यादा बार पकड़े जाने पर तीन माह की कैद से
मोबाइल गिर जाए तो क्या करें?: अगर मोबाइल चलती ट्रेन से गिरा है और किसी सूनसान जगह गिरा है तो उसका मिल जाना 90 फीसदी तय है. आपको बस इतना करना है कि मोबाइल के गिरते ही नीचे मोबाइल की ओर देखने की बजाए सामने के इलेक्ट्रिक पोल पर पड़ा हुआ नंबर देखना है. अब आप RPF की हेल्पलाइन 182 पर कॉल करें और उन्हें बताएं कि आपका मोबाइल किन स्टेशन के बीच और कितने नंबर इलेक्ट्रिक पोल के पास गिरा है? RPF आपका मोबाइल ढूंढ लेगी. आप वापस उस स्टेशन पर जाकर उसे अपनी पहचान बताकर अपना मोबाइल कलेक्ट कर सकते हैं.
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी (RPF) का ऑल इंडिया सिक्योरिटी हेल्पलाइन नंबर 182 है. इसे आप किसी भी वक्त डायल करके मदद मांग सकते हैं. इनसे मदद मांगने पर फील्ड RPF तुरंत हरकत में आती है और वाजिब मदद तुरंत पहुंचा दी जाती है.
ऐसे ही GRP का हेल्पलाइन का नंबर है 1512. इसे भी डायल करके सुरक्षा आदि की मांग की जा सकती है. रेल पैसेंजर हेल्पलाइन नंबर है 138. रेल यात्रा के दौरान किसी परेशानी की हालत में इस नंबर को डायल करके भी मदद की मांग की जा सकती है.
चेन खींचने पर बरती जा रही सख्ती
केस 1: 20 जून 2018 में चेन्नई राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर रहे सुबोध कुमार ने बिना कारण ट्रेन की चेन खींच दी। हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन आरपीएफ ने मामला दर्ज कर आरोपी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। इस मामले में आरोपी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
केस 2: 20 जून 2018 में गोवा एक्सप्रेस से सफर करने वाले कार्तिक वर्ता ने चेन पुलिंग की। इन पर बाद में मजिस्ट्रेट ने छह हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
केस 3: 11 जुलाई को गोल्डन टेम्पल मेल से राहुल कुमार सफर कर रहे थे। उन्होंने चेन पुलिंग की तो उन पर मजिस्टेट ने 8 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
Bychnace kisi ko pata na ho ki esse train ruk jati hai pahli dafa train ka safar raha ho or bheed bahut ho to dhakka mukki me chain hath me aa jaye or wo kheech jaye to fir uske liye kya rule hai .Halaki aisa hota nhi hai but kabhi ho jata hai