Section 504 and 506 of Indian Penal Code in Hindi
धारा 504 – शांति भंग भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान: उकसा कर लोकशांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना
सजा – दो वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों, यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध पीड़ित/अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है। जो कोई आपराधिक अभित्रास का अपराध करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी सज़ा दो वर्ष तक की हो सकती है, या जुर्माने से, या दोनों सज़ाओं को एक साथ भी दिया जा सकता है.
धारा 506 – आपराधिक अभित्रास के लिए सजा (अपराधिक धमकी): जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करे, इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग करने, या अन्य अपराध का कारण हो सकती है को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा
यदि धमकी मौत या कोई ओर बड़ा अपराध करने की या आग से जलाने या नुकसान पहुंचाने की गर्ज़ से या किसी संपत्ति को आग से जलाकर ख़त्म करने की या मृत्युदंड से या आजीवन कारावास से या सात वर्ष की अवधि तक के कारावास से दंडनीय अपराध करने की, या किसी बेगुनाह औरत की इज़ज़त पर बेवजह लांछन लगाने की हो. औरत या मर्द को जान से मारने की धमकी देना या उसके साथ बदसलूकी करना यानि बलात्कार करने की धमकी देना तब वह दोनों में से किसी तरहां की सज़ा से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जायेगा.
सबसे अहम बात ये कि इस धारा मैं गवाहों की ज़रूरत ना के बराबर है ओर अगर पुख़्ता गवाह हैं ओर पीड़ित अदालत मैं ये साबित कर दे तब ये धारा 302 व 307 से ज़्यादा ख़तरनाक है लेकिन पीड़ित पुलिस ओर वकील भी इस धारा को हलकेपन से लेते हैं जो सही नहीं है.
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